Thursday, November 21, 2024

महंत राजू दास अगर असल में संत होते तो श्राप ही काफी था, नहीं देनी पड़ती सुपारी: स्वामी प्रसाद मौर्य

लखनऊ: रामचरितमानस पर छिड़ा विवाद रोज एक नया मोड़ ले रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद से वो लगातार विवादों में घिरे नजर आ रहे हैं. इसी बीच रविवार को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने सपा नेता का सर कलम करने वाले को 21 लाख रुपये की इनाम देने की घोषणा की थी. अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने महंत राजूदास पर पलटवार करते हुए कहा है कि अगर महंत राजू दास असल में संत होते तो उन्हें मेरी सुपारी देने की जरुरत नहीं पड़ती उनका श्राप ही मुझे खत्म करने के लिए काफी होता.

महंत राजू दास पर साधा था निशाना

अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास पर निशाना साधते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि “सारे असंभव काम को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक बाबा की धूम मची है. आप कैसे बाबा हैं जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने का दावा करने के बावजूद सिर तन से जुदा करने की सुपारी दे रहे हैं? अगर आप इतने शक्तिशाली होते तो श्राप देकर भी भस्म कर सकते थे. इससे आपके 21 लाख रुपए भी बचते और साथ ही आपका असली चेहरा भी बेनकाब नहीं होता होता.

महंत राजू दास ने दिया था विवादित बयान

बीते रविवार को अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान हाथी चले बाजार कुत्ता भौंके हजार को लेकर नाराजगी जताई. साथ ही उन्होंने कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने साधु-संतों और ब्राह्मणों को कुत्ता बोला है. उसका सिर तन से जुदा करने वाले को हम इनाम के तौर पर 21 लाख रुपए देंगे.

कुत्तों के भौकने पर हाथी रास्ता नहीं बदलता

स्वामी प्रसाद मौर्य ने संतों, महंतों और धर्माचार्यों द्वारा दिए गए बयानों पर पलटवार करते हुए कहा था कि ” मैं धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों और महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का आजीवन विरोध करता रहूँगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपना रास्ता नहीं बदलता. ठीक उसी प्रकार इस तबके को सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बातों को नहीं बदलूंगा.”

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