लखनऊ। आज पूरे भारत में धूमधाम से गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा का संबंध द्वापर युग से है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह त्योहार प्रकृति और मानव के बीच संबंध को दर्शाता है। गोवर्धन पूजा खास तौर पर वृंदावन,मथुरा, गोकुल और बरसाना में मनाई जाती है।
पूजा का शुभ मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के बाद मनाई जाती है, लेकिन इस बार 2 दिन दिवाली होने के कारण गोवर्धन पूजा 02 नवंबर को मनाई जा रही है। गोवर्धन पूजा के मौके पर घरों में अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अक्तूबर को दोपहर 03: 22 मिनट से लेकर शाम 05: 34 मिनट तक का है। इस शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा करना बहुत ही शुभ है। गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त : 06:34 से 08:46 तक है। वहीं गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त :15:22 से 17:34 तक का है।
पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन की पूजा करने से आर्थिक परेशानी दूर होती हैं। इसके अतिरिक्त धन-धान्य, संतान और सौभाग्य की प्रप्ति होती है। इस दिन जो भी भक्त भगवान गिरिराज की विधि-विधान से पूजा करते है तो उसके घर में सुख समृद्धि बनी रहती है और गिरिराज महाराज जो भगवान श्री कृष्ण का ही स्वरूप हैं, उनका आशीर्वाद पूरे परिवार पर बना रहता है।
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा पर गाय, भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की खास तौर पर पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा करने के लिए आप सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से श्री कृष्ण की चित्र बनाए। इसके बाद चावल, रोली, बताशे, खीर, जल, केसर, दूध, पान, फूल और दीया जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें। इसके बाद अपने परिवार समेत श्रीकृष्ण स्वरुप गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करें। मान्यता है कि इस दिन विधि विधान गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। वहीं गायों को गुड़ व चावल खिलाने से भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है।