लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने नवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रदेश की जनता को बड़ी खुशखबरी दी है. योगी सरकार ने बिजली के रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. बता दें कि ये लगातार 5वां साल है, जब सरकार ने ऐसा ऐलान किया है. इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के सभी प्रस्ताव खारिज […]
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने नवरात्रि के शुभ अवसर पर प्रदेश की जनता को बड़ी खुशखबरी दी है. योगी सरकार ने बिजली के रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. बता दें कि ये लगातार 5वां साल है, जब सरकार ने ऐसा ऐलान किया है. इस मामले में पावर कॉरपोरेशन के सभी प्रस्ताव खारिज हो गए हैं.
बता दें कि ऐसे में फेस्टिव सीजन में बिजली की कीमत नहीं बढ़ने से लोगों को अधिक फायदा मिला है. मालूम हो कि यूपी में बिजली की रेट में लास्ट टाइम 2019 में संशोधन किया गया था.
पिछले कुछ समय से इससे जुड़ी तमाम जानकारी सामने आ रही थीं कि उत्तर प्रदेश में बिजली की रेट बढ़ सकती हैं. हालांकि योगी सरकार के इस ऐलान के बाद से यह निश्चित हो गया कि बिजली की रेट नहीं बढ़ेगी. उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने सरकार से बिजली कंपनियों पर पड़ रहे 33,000 करोड़ रुपये से अधिक के अधिशेष के बदले मौजूदा बिजली दरें कम करने की मांग की थी.
बता दें कि यह मांग नोएडा पावर कंपनी के उपभोक्ताओं के बीच करीब 1000 करोड़ रुपये के सरप्लस के आधार पर की गई थी. हालांकि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर बिजली दरें कम करने के पक्ष में नहीं है। बिजली कंपनियों ने 11203 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया.
इसके साथ साथ 3 किलोवाट के बिजली उपभोक्ता भी 3 फेस कनेक्शन ले सकते है. वहीं योगी सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड कनेक्शन को लेने और काटने का 50 रुपए प्रस्तावित शुल्क और UPPCL का 10 रूपये SMS शुल्क भी नियामक आयोग ने खारिज किया है.
यूपी में लास्ट टाइम बिजली की दरों में साल 2019 में संशोधन हुआ था. 2019 में यूपी विद्युत विनियामक आयोग (यूपीईआरसी) ने 11.69 फीसदी की औसत वृद्धि को लेकर हामी भरी थी.
इस दौरान घरेलू मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए 8 फीसदी से 12 फीसदी के बीच बढ़ोतरी हुई. वहीं औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए 5 से 10 फीसदी वृद्धि की गई. इसके अलावा कृषि मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं के लिए 9 फीसदी रेट बढ़ाई गई थी.