Friday, November 22, 2024

लखनऊ में गजब फ्रॉड का भंडाफोड़, लाखों रुपये में मार्कशीट तैयार कर दे रहे थे नौकरी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम ने हाल ही में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ग्रामीण डाक सेवा (जीडीएस) के पदों पर भर्ती के लिए फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे. इस गिरोह के 13 सदस्यों को मेरठ से गिरफ्तार किया गया है, जो इस अवैध काम में शामिल थे.

सभी अभ्यर्थी से लेते थे 4 से 5 लाख रूपये

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपये लेते थे. और सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना जैसे विभिन्न विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट तैयार करते थे। इसके बाद फर्जी दस्तावेज डाक विभाग को भेज दिए जाते थे, ताकि अभ्यर्थी का सत्यापन किया जा सके.

डाक अधीक्षक को भी देते थे पैसे

गिरफ्तारी के बाद गिरोह के सदस्यों ने बताया कि वे प्रत्येक अभ्यर्थी के सत्यापन के लिए विकल यादव के माध्यम से डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को एक लाख रुपये देते थे. बाकी रकम उन्होंने आपस में बांट ली। यह गिरोह लंबे समय से इस गैरकानूनी काम में लगा हुआ था और इस तरीके से कई अभ्यर्थियों को नौकरी भी दिलवा चुका था.

मामले पर STF ने की कार्रवाई शुरू

एसटीएफ की कार्रवाई उस समय हुई जब कुछ अभ्यर्थी सत्यापन के संबंध में चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे. वह भी पकड़ा गया. इस प्रकार, एसटीएफ ने इस अवैध नेटवर्क का भंडाफोड़ कर एक बड़े घोटाले को रोका है।

दोषियों को सख्त सजा देने की तैयारी

लखनऊ में पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस बार की कार्रवाई से यह साबित हो गया है कि प्रशासन ऐसी अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और दोषियों को सख्त सजा देने के लिए प्रतिबद्ध है.

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