Friday, September 20, 2024

लखनऊ में रिटायर्ड प्रोफेसर को किया डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगों ने 54 लाख का लगाया चूना

लखनऊ: इन दिनों डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का मामला लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं. इस बीच SGPGI की एसोसिएट प्रोफेसर से करोड़ों रूपये की ठगी के बाद अब साइबर अपराधियों ने राजधानी लखनऊ में रिटायर्ड प्रोफेसर को अपना शिकार बनाया है. एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को करीब 48 घंटे डिजिटल तरीके से गिरफ्तार किया गया और उनके खाते से 54 लाख रुपये से अधिक की रकम उड़ा ली गई. महिला प्रोफेसर की शिकायत पर लखनऊ साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है। मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस की तरफ से कार्रवाई शुरू है।

जानिए पूरा मामला

राजधानी लखनऊ में साइबर अपराधियों ने एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर उनसे 54 लाख 61000 रुपये की ठगी कर ली है. जानकारी के मुताबिक, इंदिरा नगर सेक्टर-16 निवासी सेवानिवृत्त प्रोफेसर इंदिरा राय को एक सितंबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई थी। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर नेहरा बताया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एचडीएफसी में एक बैंक खाता खोला गया है जिसमें लाखों डॉलर ट्रांसफर किए गए हैं. उस खाते से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है. आधार कार्ड से एक सिम खरीदा गया है जिसके जरिए ड्रग्स की सप्लाई की जा रही है. इस मामले में दिल्ली में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।

अपराधियों ने इस तरह किया चालबाजी

साइबर अपराधियों ने 12 सितम्बर को बुजुर्ग महिला को दिल्ली आकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा। जब महिला ने असमर्थता जताई तो फोन करने वाले ने कहा कि वह अपने वरिष्ठ अधिकारी से उसकी बात करा रहा है।

वीडियो कॉल पर दी गई धमकी

डरी हुई बुजुर्ग महिला प्रोफेसर के मोबाइल पर एक वीडियो कॉल भी आई जिसमें पुलिस की वर्दी में एक व्यक्ति उनके सामने बैठा था और कहा कि आपका बयान दर्ज किया जाएगा, इस दौरान किसी से फोन पर बात न करें। यदि आप ऐसा करते हैं, तो आपको ड्रग्स स्मगलिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल भेज दिया जाएगा। हमने संदीप कुमार नाम का एक युवक पकड़ा है जो संदिग्ध मामलों में आपका नाम और पता बता रहा है।

एफडी तोड़कर बचत खातों में ट्रांसफर

महिला से पूछताछ के नाम पर उसके बैंक खातों की पूरी जानकारी ली गई. महिला की एफडी तोड़कर उसके बचत खातों में ट्रांसफर कर दी गई। इसके बाद जालसाजों ने एक SBI का अकाउंट नंबर दिया और उसमें पैसे ट्रांसफर करने को कहा, जिसे वे जांच के बाद वापस कर देंगे। अगले दिन महिला ने अपने खाते से कुल 54 लाख 61 हजार रुपये आरोपी के खाते में ट्रांसफर कर दिए। महिला को तब पता चला जब अगले दिन 14 सितम्बर को मुंबई से बैंक अफसर ने कॉल कर बताया क़ि आपके साथ धोखाधड़ी हुई है और आपको एफआईआर दर्ज करानी चाहिए। इसके बाद बुज़ुर्ग महिला ने साइबर थाने मे FIR दर्ज कराई।

डिजिटल अरेस्ट क्या है समझे

कानून की भाषा में डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई चीज नहीं है, लेकिन ठगों की भाषा में यह बहुत महत्वपूर्ण है। डिजिटल गिरफ्तारी के मामले में घोटालेबाज एक वर्चुअल लॉकअप भी बनाते हैं और गिरफ्तारी मेमो पर साइन को भी डिजिटल बना दिया जाता है। डिजिटल गिरफ्तारी में फर्जी फॉर्म भी भरे जाते हैं. सबकुछ डिजिटल है लेकिन ये इतना डरा देते है कि पीड़िता उसकी बातों में आ जाता है। इसके लिए अपराधी बड़ी एजेंसियों और अधिकारियों के शामिल होने, सालों तक जेल में रहने जैसी बातों से लोगों को डराते हैं।

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