लखनऊ। यूपी के सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के मुताबिक राज्य के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अब मानव संपदा पोर्टल पर अपनी चल-अचल संपत्ति का वार्षिक ब्योरा देना होगा। नियम के मुताबिक 31 दिसंबर 2023 तक की संपत्ति का रिकॉर्ड इस साल जनवरी में ही देना जरूरी था, लेकिन ज्यादातर कर्मचारियों और अधिकारियों ने अभी तक ब्योरा नहीं दिया है।
31 अगस्त का दिया समय
सरकार ने ब्योरा न देने वालों को उनकी सैलरी न देने का निर्णय लिया है। इतने पर भी बहुत कम कर्मचारियों ने ही अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड दिया हैं। ऐसे में 30 जून को कार्मिक विभाग ने एक और शासन आदेश जारी किया था। शासन आदेश में कहा था कि 31 जुलाई तक संपत्ति का ब्योरा न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पोर्टल पर रजिस्टर ज्यादातर कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। पोर्टल के जरिए संपत्ति का ब्योरा देने की व्यवस्था पहली बार लागू की गई है,इसलिए सरकार ने तमाम व्यवहारिक परेशानी को मानते हुए राज्य के कर्मचारियों को संपत्ति का विवरण पोर्टल पर रजिस्टर कराने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया गया था।
58 फीसदी कर्मियों ने नहीं दिया ब्योरा
लाखों कर्मचारियों को अपने वेतन की कोई चिंता ही नहीं है। यदि उन्हें वेतन की चिंता होती तो सरकार के स्पष्ट आदेश पर सभी कर्मचारियों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा दें दिया होता। स्थिति तो यह है कि 8.34 लाख कर्मचारियों में से 3.47 लाख ने ही अब तक मानव संपदा का पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। बाकी बचे 58 फीसदी यानी 4.87 लाख कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है।
ब्योरा न देने पर वेतन नहीं दिया जाएगा
इस संबंध में 17 अगस्त को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से जारी शासनादेश में साफ तौर पर कहा गया है कि साल 2023 के सापेक्ष चल-अचल संपत्ति का विवरण सभी कार्मिक विभाग को 31 अगस्त तक देना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कर्मचारियों को अगस्त के महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा।