लखनऊ। कोलकाता रेप केस की घटना और अपनी सुविधाओं -व्यवस्थाओं से जुड़ी मांगों को लेकर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के रेजिडेंट डॉक्टर 11 दिनों से हड़ताल पर थे। इस दौरान चिकित्सा संस्थान में आईसीयू, इमरजेंसी एवं वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में चिकित्सा व्यवस्थाएं जारी रहीं। अब रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। वह आज से अपने काम पर वापस लौट रहे हैं। जिसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सभी चिकित्सा सुविधाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी।
सीनियर डॉक्टर कर रहे थे ओपीडी का संचालन
आज (24 अगस्त) से सभी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौट आएंगे। इससे पहले स्टॉक, स्ट्रोक और वरिष्ठ डॉक्टर के विजिट की व्यवस्था बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में चल रही थी। इसमें कोई शक नहीं कि रेजिडेंट डॉक्टर के हड़ताल पर जाने से चिकित्सा संस्थान की सेहत पर भी असर पड़ा है। बी.एच.यू. चिकित्सा संस्थान को परमाणु ऊर्जा संस्थान कहा जाता है। यहां वाराणसी और आसपास के जिलों और दूसरे राज्यों से करीब 5000 मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में जूनियर डॉक्टरों के काम पर लौटने से मरीजों ने राहत की सांस ली है।
बीएचयू के जूनियर डॉक्टर की मांग
मीडिया से बात करते हुए काशी हिंदू यूनिवर्सिटी मेडिकल इंस्टीट्यूट के जूनियर डॉक्टर गौरव राय ने कहा कि कोलकाता की दुखद घटना ने देश के सभी डॉक्टरों को झकझोर कर रख दिया है। इससे हम सभी आहत हैं। हमारी मांग है कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
21 सूत्रीय मांग को लेकर थे हड़ताल पर
कोलकाता रेप की घटना और यूनिवर्सिटी में रेजिडेंट डॉक्टरों की सुरक्षा और व्यवस्था से जुड़ी 21 सूत्री मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर 13 अगस्त से हड़ताल पर थे। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया है कि सभी मांगों पर विचार कर आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे। इसलिए हमने फैसला किया है कि हम सभी 24 अगस्त से काम पर लौटेंगे।