Thursday, November 21, 2024

एक्शन मोड में ब्रजेश पाठक रिश्वत लेने के आरोप में चिकित्सा अधीक्षक को किया निलंबित

लखनऊ: सहारनपुर में रिश्वत लेने के मामले में यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में नज़र आ रहे हैं. मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करते हुए ब्रजेश पाठक ने उक्त चिकित्सा अधीक्षक को निलंबित कर दिया है. साथ ही सरकार द्वारा राज्य के सारे CMO को सख्त निर्देश दिया गया है कि काम में कोई लापरवाही ना बरते. आला अधिकारियों को हिदायत देते हुए कहा गया है कि काम में बिलकुल भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दरअसल बीते दिनों सहारनपुर के बेहट से एक मामला सामने आया था, जिसमें एक चिकित्सा अधीक्षक द्वारा रिश्वत लिया गया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर आरोपी चिकित्सा आधीक्षक को ससपेंड कर दिया गया. राज्य में सरकार द्वारा सभी को सख्त निर्देश मिला है कि किसी भी प्रकार का कोई भी लापरवाही को अनदेखा नहीं किया जाएगा.

सहारनपुर में डॉक्टर ने हमला किया था पत्रकार पर

बीते कुछ दिनों में यूपी में स्वास्थ्य विभाग पर लोगों द्वारा कई आरोप लगाए गए थे. साथ ही कुछ मामलों में विभाग के लापरवाही का नमूना भी देखने को मिला था. सहारनपुर में रिश्वत लेने के आलावा मऊ से खबर आई थी कि मऊ के सदर अस्पताल में एक डॉक्टर ने एक पत्रकार के ऊपर हेलमेट से वार किया था, जिसके बाद से आरोपी डॉक्टर को घेरे में लेकर लगातार सवाल उठाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि जो डॉक्टर लोगों की सेवा और उपचार के लिए होता है अगर वही लोगों को घायल करता फिरेगा तो फिर स्वास्थ्य सेवाओं का बंटाधार तो निश्चित है. उक्त घटना को संज्ञान में लेते हुए सरकार द्वारा सीएमओ को निर्देश दिया गया.

मामलों को सख्त कार्रवाई के दिए गए हैं निर्देश

उत्तर प्रदेश राज्य में लगातार ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं. औरैया के बिधूना से भी ऐसी ही खबर सामने आई थी, जहां एक वार्ड ब्वॉय ने मरीज के परिजनों से रिश्वत ली थी. उक्त मामले को भी संज्ञान में लेते हुए ब्रजेश पाठक ने सीएमओ औरैया को निर्देशित किया था कि प्रकरण की जांच कराई जाए. मामले को तिव्रता से संज्ञान में लेते हुए सीएमओ औरैया को ये भी निर्देश दिया गया कि 2 फरवरी तक जांच की रिपोर्ट सौंपी जाए .
बता दें कि जनवरी में ब्रजेश पाठक द्वारा कई विभागीय कार्रवाई की गई थी, जिनमें बांदा के अस्पताल में मिले अव्यवस्था को लेकर कार्रवाई भी शामिल है. साथ ही सहारनपुर में भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आई थी, जहां मरीजों को एक्सपायर दवाएं दी जा रही थीं. वहीं फतेहपुर के जिला अस्पताल से खबर आई थी कि अस्पताल की लापरवाही के कारण एक नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई थी. इन सारे मामलों को संज्ञान में लेते हुए उपमुख्यमंत्री द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं.

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