Thursday, September 19, 2024

69 हजार सहायक श‍िक्षक भर्ती में कोर्ट के आदेश के बाद, जानें बैंकों ने क्यों शुरू की पैसा वसूली

लखनऊ : 69 हजार सहायक शिक्षकों के मामले में जिन बैंकों ने अभ्यर्थियों को लोन दिया था, अब उनसे रिकवरी के निर्देश जारी कर दिए हैं। भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर बैंकों ने अपने स्तर पर ऋण वसूली की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।

एससीईआरटी का घेराव शुरू

गौरतलब है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने आज मंगलवार, 20 अगस्त से राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) का घेराव कर आंदोलन शुरू कर दिया है. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी जल्द से जल्द नई मेरिट लिस्ट तैयार करने और भर्ती कार्यक्रम जारी करने की मांग कर रहे हैं। सभी अभियार्थी उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने की मांग कर रहे हैं.

3 माह में शिक्षकों की नई मेरिट लिस्ट होगी जारी

वहीं, 69000 शिक्षकों की भर्ती मामले में उच्च न्यायालय के फैसले के बाद यूपी की योगी सरकार ने भी ऐलान किया है कि वह हाई कोर्ट के फैसले का पालन करेगी, 3 माह में शिक्षकों की नई मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी. अब उन शिक्षकों के भविष्य पर भी सवाल खड़ा हो गया है जो इस भर्ती परीक्षा में मेरिट में स्थान पाकर 4 साल से नौकरी कर रहे हैं.

जानिए हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया

16 अगस्त 2024 को हाई कोर्ट ने यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती मामले में बड़ा फैसला दिया और कोर्ट की डबल बेंच ने सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी. साथ ही सरकार को आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन करने का आदेश दिया। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट नए सिरे से जारी करने का आदेश दिया। अब बेसिक शिक्षा विभाग को 3 महीने में नई चयन सूची जारी करनी होगी. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 साल से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों की नौकरी चली जाएगी.

यह था पूरा मामला

बता दें कि काफी समय से हाईकोर्ट में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला लंबित था. शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण की कमियों के आरोप लगे थे. इसमें अनियमितता का आरोप लगाते हुए कई लोग उच्च न्यायालय गए थे. 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला काफी समय से हाईकोर्ट में लंबित था. हाईकोर्ट ने 69 हजार सहायक शिक्षकों की मौजूदा लिस्ट को गलत ठहराते हुए मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. उच्च न्यायालय ने उयूपी सरकार को 3 माह के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है. इसमें आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली के जरिए ऐसा करने का निर्देश दिया गया है.

Latest news
Related news