लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है। इससे पहले प्रदेश में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। दूसरी तरफ यूपी की योगी सरकार पर कथित तौर पर उपचुनाव वाले जिलों में यादव और मुस्लिम पदाधिकारियों को हटाने का आरोप एक मीडिया रिपोर्ट में लगाया गया है। […]
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी कुछ महीनों में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है। इससे पहले प्रदेश में राजनीतिक हलचल शुरू हो गई है। दूसरी तरफ यूपी की योगी सरकार पर कथित तौर पर उपचुनाव वाले जिलों में यादव और मुस्लिम पदाधिकारियों को हटाने का आरोप एक मीडिया रिपोर्ट में लगाया गया है। वहीं अब इस रिपोर्ट पर सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट कर टिप्पणी की है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, “जब उपचुनावों में भी भाजपा को हराने के लिए जनता फ़ील्ड में उतर चुकी है तो भाजपा कुछ अधिकारियों को हटाने का कितना भी शासकीय-प्रशासकीय नाटक कर ले, कोई उनको पराजय से रोक नहीं सकता। देखना ये भी है कि इनकी जगह जो अफ़सर आएंगे, उनकी निष्पक्षता पर मोहर कौन लगाएगा। “
कन्नोज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने दावा करते हुए लिखा, “भाजपा उपचुनावों में अपनी 10/10 की हार के अपमान से बचने के बहाने ना ढूँढे। अगर भाजपा जन-विरोधी नहीं होती तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। महँगाई, बेरोज़गारी, बेकारी, पुलिस भर्ती, नीट परीक्षा, महिला-सुरक्षा, संविधान और आरक्षण की रक्षा, नज़ूल भूमि जैसे मुद्दों से लड़ने के लिए भाजपा कब और किसे नियुक्त करेगी?”
उन्होंने आगे लिखा, “कुछ विशेष अधिकारियों को चुनावी ज़िम्मेदारी से हटाने की बात कहकर, भाजपाइयों ने ये बात स्वीकार कर ली है कि उनकी सरकार में शायद कुछ चुनावी घपले अधिकारियों के स्तर पर होते हैं। ये भाजपा की अपनी सरकार के साथ-ही-साथ चुनाव आयोग के ऊपर भी… चुनाव आयोग स्वत: संज्ञान ले। “
इस दौरान भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने सपा सांसद को जवाबी हमला दिया है। उन्होंने कहा कि, “‘अखिलेश यादव गलत बयानबाजी कर रहे हैं. अफसरों, अपराधियों और माफियाओं की जाति और धर्म देखना सपा और बसपा की नीति और परंपरा रही है। ये काम बीजेपी और हमारी सरकार नहीं करती. हमारी सरकार योग्यता और क्षमता को देखती है। जहां तक अधिकारियों के तबादले की बात है तो वह रूटीन का काम है.”