लखनऊ : सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आरक्षण के फैसले पर एक बार बसपा मुखिया मायावती ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि क्या दलितों व आदिवासियों का जीवन घृणा और भेदभाव से मुक्त हो गया है? ऐसे में आरक्षण का वितरण कितना सही है? उन्होंने भाजपा-कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए जमकर हमला बोला है। इस बीच मायावती ने आगे कहा कि SC -ST और OBC को लेकर दोनों पार्टियों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं।
ट्वीट कर साधा निशाना
उन्होंने सोशल मीडिया साइट “X” पर कहा कि सामाजिक उत्पीड़न की तुलना में राजनीतिक़ उत्पीड़न कुछ भी नहीं। क्या देश के ख़ासकर करोड़ों दलितों व आदिवासियों का जीवन द्वेष व भेदभाव-मुक्त आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का हो पाया है। अगर नहीं तो फिर जाति के आधार पर तोड़े व पछाड़े गए इन वर्गों के बीच आरक्षण का बंटवारा कितना उचित?
देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती।
बता दें कि आरक्षण को लेकर गुरुवार को दिए गए अपने निर्देशों में सुप्रीम कोर्ट ने SC -ST कोटे के भीतर कोटा को वैधानिक करार दिया है और क्रीमी लेयर को आरक्षण से हटाने की बात कही है।