लखनऊ : माफिया मुख्तार के भाई और गाजीपुर के एमपी अफजाल अंसारी को इलाहाबाद कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपराध मामले में आरोपी अफजल को दी गई 4 साल की सजा को रद्द कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर कोर्ट के फैसले को पलट दिया है। सजा रद्द होने से अफजल अंसारी की संसद की सदस्यता समाप्त नहीं होगी। हाईकोर्ट के आज सोमवार के फैसले से उनकी संसद की सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। जस्टिस संजय कुमार की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में पूरी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 4 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
29 अप्रैल 2023 में सुनाई गई थी सजा
अफजल अंसारी को गैंगस्टर मामले में पिछले साल 29 अप्रैल 2023 को 4 साल की सज़ा सुनाई गई थी। 4 साल की सज़ा के कारण अफ़ज़ल को जेल जाना पड़ा और उसे सांसद पद से हटा दिया गया। हालंकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सज़ा पर रोक लगाए जाने के कारण अफ़ज़ल की संसद की सदस्यता बहाल कर दी गई थी।
सपा नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर कही ये बात
अफजल को कोर्ट से राहत मिलने पर सपा के दिग्गज नेता आईपी सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट पर लिखा, “सत्यमेव जयते। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के सांसद श्री अफजाल अंसारी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट के फ़ैसले को रद्द किया। गाजीपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने 4 साल की अफजाल जी को सजा सुनाई थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती
अफजाल अंसारी ने गाजीपुर कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अफ़ज़ल को ज़मानत दे दी, लेकिन सज़ा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अफ़ज़ल की सज़ा पर रोक लगा दी और इलाहाबाद उच्च न्यायालय से 30 जून तक उसकी अपील पर अपना फ़ैसला देने को कहा था।
4 साल की सजा को रद्द करने की मांग
अफजल के वकील ने 4 साल की सजा को रद्द करने की मांग की थी, जिसके लिए हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी। अफजल के वकील की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल चौधरी और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने असांरी की तरफ से दलीलें हाईकोर्ट में पेश किए। अफजल के वकील ने कहा था कि गाजीपुर के एमपी के खिलाफ भाजपा के पूर्व MLA कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई थी.