लखनऊ : लोकसभा का मानसून सत्र आज सोमवार (29 जुलाई) से एक बार फिर शुरू हुआ है. दो सदनों यानी राज्यसभा और लोकसभा में आज फिर एक बार बजट पर जमकर चर्चा हो रही है. केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बजट पेश करने के बाद से ही संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा के दौरान काफी अधिक हंगामा हो रहा है. वहीं संसद की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा में सिर्फ एक आदमी पीएम बनने का सपना देख सकता है।
महाभारत के चक्रव्यूह का जिक्र
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने खुद से ये सवाल पूछा था कि आखिर ये डर इतनी जल्दी क्यों फ़ैल रहा है. बीजेपी में मेरे दोस्त, मंत्री, किसान, मजदूर और युवा डरे हुए हैं. मैंने इस पर बहुत सोचा. हज़ारों साल पहले हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने मार डाला था. चक्रव्यूह के अंदर डर की स्थिति होती है और अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर छह लोगों ने मार डाला था.
चक्रव्यूह का दूसरा नाम पद्मव्यूह
राहुल ने कहा कि अध्ययन करने पर मुझे पता चला कि चक्रव्यूह का दूसरा नाम पद्मव्यूह है, जो कमल के आकार का होता है। चक्रव्यूह कमल के फूल के आकार का होता है। 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है, जिसका प्रतीक प्रधानमंत्री मोदी अपनी छाती पर लगा कर चलते है। जैसे अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया गया था, वैसा ही हिंदुस्तान के साथ हो रहा है। देश की युवाओं, किसानों, माताओं और बहनों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है।
ये छह लोग कर रहे केंद्र को नियंत्रित
उन्होंने कहा कि द्रोणाचार्य, कर्ण, कृपाचार्य, कृतवर्मा, अश्वत्थामा और शकुनि ने अभिमन्यु को घेर लिया और उसे मार डाला। आज भी चक्रव्यूह में छह लोग हैं. छह लोग केंद्र को नियंत्रित करते हैं। नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।
एक ही व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकता
कांग्रेस व विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में कार्यवाही के दौरान कहा कि पिछली बार मैंने कुछ धार्मिक सिद्धांतों की बात की थी. मैंने शिव की अहिंसा की नीति की बात की थी. मैंने शिव के त्रिशूल और सांप की बात की थी. कैसे हमारे देश के सभी धर्म अहिंसा की बात करते हैं. इसमें एक शब्द कहा जा सकता है कि डरो मत, डराओ मत. मैंने अभयमुद्रा की भी बात की थी. इस समय देश में भय का माहौल है, जो हर जगह फैला हुआ है. मेरे मित्र (विपक्षी एमपी) मुस्कुरा रहे हैं, लेकिन वे डरे हुए भी हैं. बीजेपी में दिक्कत ये है कि सिर्फ एक ही व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकता है. अगर रक्षा मंत्री तय कर ले कि उसे पीएम बनना है, तो दिक्कत खड़ी हो जाती है और डर फ़ैल जाता है.