लखनऊ। गोरखपुर में गेल (गैस एथार्टी ऑफ इंडिया लिमिटेड) का स्थान अब ड्रोन के लिए नो फ्लाइ जोन घोषित कर दिया गया है। गेल के संयत्र के ऊपर से कोई ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता है। ऐसा कोई करता है तो एंटी ड्रोन से न सिर्फ ड्रोन को मार दिया जाएगा, बल्कि ड्रोन उड़ाने वाले व्यक्ति के ऊपर भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शासन ने जारी निर्देश के बाद एसपी नार्थ ने गीडा और खजनी के एरिया में स्थित गेल संयत्र को लेकर वहां के थानेदारों को निर्देश जारी किए है।
सेटलाइट फेनीसिंग की तैयारी
जमीन की तरह आसमान में भी जगह को निर्धारित किया जाता है। यह निर्धारित किया जाता है कि किस एरिया में जमीन के साथ-साथ आकाश में भी घुसपैठ को बैन रखना है। वर्तमान समय में ड्रोन से आसमान के प्रतिबंधित एरिया में घुसपैठ के लिए उपयोग किया जाता है। ऐसे में आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरे की आशंका को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण स्थलों को ड्रोन के लिए रेड जोन यानी नो फ्लाइ जोन घोषित किया गया है। गोरखपुर मंडल में गोरखनाथ मंदिर परिसर और बुद्ध की निर्वाणस्थली को शासन ने पहले ही ड्रोन के लिए रेड जोन घोषित किया था। इस जोन में सेटलाइट फेनीसिंग भी लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे अगर कोई ड्रोन भी उड़ाया जाए तो वह उस क्षेत्र में काम हीन न करें। वहीं एयरपोर्ट का इलाका पहले से ही रेड जोन के अंतर्गत आता है।
ड्रोन उड़ाने वाले पर होगी कार्रवाई
सेटलाइट फेनीसिंग भी यहां लगाया गया है। इसके अलावा अब गेल के स्पेश को भी रेड जोन घोषित कर दिया गया है। इस इलाके में कोई भी ड्रोन नहीं उड़ा पाएगा। पुलिस अधीक्षक उत्तरी जितेन्द्र कुमार श्रीवातव का कहना है कि शासन का पत्र मिलने के बाद थानेदारों को निर्देशित कर दिया गया है। अगर गेल संयत्र के ऊपरी हिस्से में ड्रोन उड़ता मिलेगा तो उड़ाने वाले पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।