लखनऊ। संसद का बजट सत्र बीते दिन यानी 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। आज यानी 23 जुलाई को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश किया। इस बार बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड
दर्ज हो गया है। वह लगातार 7 बार बजट पेश करने वाली देश की पहली वित्तमंत्री बन गईं। इस बजट में सरकार ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए बड़े ऐलान किए है। आइए जानते हैं उनके बारे में और इससे पहले पेश हुए अंतरिम
बजट के बार में विस्तार से…
महिलाओं को अलग टैक्स स्लैब की उम्मीद
देश में करीब 12 साल पहले तक महिलाओं के लिए अलग से टैक्स की सुविधा थी। इसमें महिला करदाताओं के लिए इनकम टैक्स में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट पुरुषों की तुलना में थोड़ी ज्यादा होती थी। यानी महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम
टैक्स देती थीं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने वित्त वर्ष 2012-13 ने इस प्रणाली को खत्म कर दिया था। तब सरकार ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान टैक्स स्लैब का ऐलान किया था। तब से महिलाओं के लिए कोई अलग आयकर स्लैब
नहीं है। हालांकि इस बार महिलाओं को मोदी सरकार से उम्मीद है कि महिलाओं के लिए अलग से टैक्स स्लैब आएगा।
स्किल डेवलपमेंट में विशेष ऐलान की संभावना
सूत्रों के मुताबिक महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार महिला करदाताओं के लिए अलग से टैक्स स्लैब ला सकती है। यानी उन्हें महिलाओं को टैक्स में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा छूट मिल सकती है। अभी नई कर व्यवस्था में 7 लाख
तक कोई टैक्स नहीं देना होता है। अब सरकार इसे 8 लाख रुपये तक कर सकती है। देश में बड़ी संख्या में महिलाएं कपड़ा और हस्तकला उद्योगों से जुड़ी है। कपड़े के व्यापार में महिलाओं को छूट दी जा सकती है, ताकि इससे जुड़े बिजनेस
को बढ़ावा मिले। उनकी दूसरी बड़ी मांग है कि महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा बैंकिंग के सेक्टर से जोड़ा जाएं। महिलाएं स्वरोजगार और स्किल डेवलपमेंट बजट में सरकार से खास तरह के ऐलान की उम्मीद भी कर रही है।