लखनऊ : आए दिन पेंशन स्कीम से जुड़ी ख़बर सुनने को मिलते ही रहते है। आज भी पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम को लेकर खूब डिबेट होती रहती है। वहीं राजनीतिक गलियारों और श्रमिक संगठनों की तरफ से आज भी नई पेंशन स्कीम को समाप्त करने की मांग होती रहती है। हालांकि सत्ता धारी सरकार इस नई पेंशन स्कीम को अर्थव्य्वश्था के दृष्टिकोण से ज्यादा अच्छा बताते हैं। तो चलिए जानते हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को कितना लाभ मिलता है और नई पेंशन योजना, पुरानी पेंशन स्कीम से कितनी अलग है।
पुरानी पेंशन योजना
बता दें कि पुरानी पेंशन स्कीम में सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित सूत्रों के आधार पर पेंशन की एक निश्चित राशि दी जाती है, जिससे रिटायर होने के बाद एक फिक्स आय दी जाती है. सेवानिवृत्त होने पर इस पैसे का आधा हिस्सा, ग्रेच्युटी, महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में नियमित समायोजन जैसे अतिरिक्त लाभ कर्मचारियों को दिए जाते थे. सरकार कर्मचारी के वेतन से किसी भी तरह की कटौती के बिना पूरी पेंशन राशि को कवर करती थी.
नई पेंशन स्कीम
बता दें कि नई पेंशन योजना पुरानी पेंशन योजना से अलग तो जरूर है। क्योंकि इस योजना के तहत कर्मचारी के वेतन का 10 फीसदी पेंशन योगदान के लिए काट लिया जाता है। जिसमें सरकार 14 फीसदी तक योगदान देती है। वहीं पुरानी स्कीम के जैसा नई स्किम में कोई ग्रेच्युटी मेंशन नहीं है। अंतिम पेंशन राशि पहले से फिक्स नहीं है, क्योंकि यह बाजार के उतार-चढ़ाव पर आश्रित है. सरकारी कर्मचारियों के वेतन से काटे गए पैसे को PFRDA के माध्यम से निवेश किया जाता है, जिसका एक भाग निकासी (25-40 फीसदी) के लिए मौजूद होता है और शेष राशि वार्षिकी के रूप में रखी जाती है. इसके अतिरिक्त, नई योजना स्कीम सामान्य भविष्य निधि सुविधा प्रदान नहीं करती है जो पुरानी योजना के तहत उपलब्ध थी.
यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन!
यूपी की योगी सरकार की तरफ से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तौफा दिया गया है। प्रदेश में लंबे समय से सरकारी कर्मचारी OPS की मांग कर रहे थे। जिसको लेकर योगी सरकार ने प्रस्ताव मंजूरी दे दी है। बता दें कि राजधानी लखनऊ में आज मंगलवार को हुई मंत्रालय की बैठक में 28.03.2005 से पहले नौकरियों के विज्ञापन की नौकरी वालो को पुरानी पेंशन लेने के विकल्प का प्रस्ताव पास कर दिया गया है। इसके साथ 44 और प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।