लखनऊ: समाजवादी पार्टी के निर्वातमान जिलाध्यक्ष ने शनिवार सुबह गोली मारकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर उनके रिश्तेदार और कार्यकर्ता उनके बुद्धिविहार में आवास पर पहुंच गए। पूर्व राज्यसभा सांसद वीर सिंह ने पुलिस को घटना की सूचना दी। अभी आत्महत्या करने करना का पता नहीं लगा।
संस्थापक सदस्यों में से एक थे
DP यादव समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण पद नहीं मिलने के बावजूद वे पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करते रहे। पंचायत चुनाव में पार्टी में गुटबाजी के चलते उनके साले और सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह पद से हटाकर उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान डा. एसटी हसन के बजाय रुचि वीरा को प्रताशी बनाए जाने का उन्होंने विरोध किया था और चुनाव प्रचार में भी शामिल नहीं हुए थे। इसकी शिकायत सपा प्रमुख अखिलेश यादव से की गई तो उन्होंने डीपी यादव को जिलाध्यक्ष पद से हटाकर फिर से जयवीर सिंह को जिलाध्यक्ष बना दिया था। तभी से वह राजनीतिक गतिविधियों से दूर चल रहे थे।
चुनाव में नहीं मिली जिम्मेदारी
चुनाव के दौरान भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई और वे स्वयं भी प्रचार में भी दिखाई नहीं दिए। परिवार में पत्नी, बेटा बेटी है। बेटी अंजलि सुप्रीम कोर्ट में वकालत करने के साथ ही अपनी संस्था चलाती हैं, जो पीड़ित लड़कियों को न्यायिक मदद दिलाने का कार्य करती है। डीपी यादव का बेटा भी अधिवक्ता है। उनका शव आवास के निचले तल पर बने कमरे में मिला है। पुलिस ने पूरे घटनास्थल को अभी कॉर्डन ऑफ कर रखा है। फोरेंसिक टीम को मौके पर साक्ष्य एकत्रित कर रही है। पुलिस टीम आसपास लगे CCTV कैमरे की फुटेज को भी खंगाल रही है।