लखनऊ। सोनभद्र में साढ़े पांच साल पहले 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए 53,000 रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की धनराशि में से 42 हजार रुपये पीड़िता को मिलेंगे।
जानें पूरा मामला
अभियोजन पक्ष के मुताबिक म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने म्योयपुर थाने में तहरीर देकर बेटी के साथ दुष्कर्म का आरोप लगाया था। आरोप था कि एक वर्ष से उसकी बेटी (14) के साथ बभनी के चपकी निवासी ईश्वर प्रसाद खरवार दुष्कर्म कर रहा था, जिससे वे गर्भवती हो गई। दवा खिलाकर उसका गर्भपात करा दिया। बेटी को अंजाम भुगतने की धमकी दी। मामले में 11 दिसंबर 2019 को पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की विवेचना की।
आरोपी को मिली 20 वर्ष की सजा
तत्कालीन थानाध्यक्ष म्योरपुर रमेश चंद्र ने विवेचना के बाद कोर्ट में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषी ईश्वर प्रसाद खरवार को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 53 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अर्थदंड की धनराशि में से 42 हजार रुपये पीडिता को दिया जाएगा। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।