Sunday, September 22, 2024

Agra News: आगरा में नकली दवाओं की जांच का खुलासा, 45 दुकानों के लाइसेंस रद्द

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगरा (Agra News) में नकली दवाओं को लेकर बड़ा खुलासा होने की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, जब आगरा के दवा विक्रेताओं से लिए गए दवाओं के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए तो लैब रिपोर्ट में सैंपल फेल हो गए। ऐसे में जो दवाएं लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए दी जाती हैं वही दवाएं बाजार में नकली मिल रही हैं। बताया गया है कि जब आगरा ड्रग विभाग के द्वारा लिए गए 39 सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए और लैब में दवाओं के सैंपल की जांच की गई तो ये सैंपल फेल हो गए, तब कहीं जाकर यह नकली दवाओं के बाजार का खुलासा हो पाया।

दवा विक्रेताओं के लाइसेंस रद्द

जानकारी के मुताबिक, आगरा (Agra News) में बड़ी मात्रा में एंटीबायोटिक दवाएं और खांसी के सिरप की सप्लाई होती है। वहीं जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है। ऐसे में सवाल ये है कि आखिर कैसे नामी कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बाजार में पहुंच रही है और बड़े पैमाने पर दवा विक्रेता इन्हें लोगों को बेच रहे हैं। इसके कारण लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बता दें कि आगरा ड्रग विभाग ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक के सैंपल को जांच के लिए भेजा था जो लैब रिपोर्ट में फेल हुए हैं।

जांच के लिए लैब भेजे गए सैंपल

दरअसल, ड्रग विभाग द्वारा जांच के लिए भेजे गए 39 सैंपल फैल हो गए। इसमें 20 सैंपल एंटीबायोटिक टेबलेट, 5 गैस के कैप्सूल और 14 खांसी के सिरप के सैंपल शामिल थे। वहीं लैब रिपोर्ट आने के बाद ड्रग विभाग की तरफ से फर्म मालिक सहित कंपनियों पर 12 मुकदमे दर्ज कराए गए। साथ ही 45 दवा विक्रेताओं के लाइसेंस भी निरस्त किए गए।

इन कंपनियों के नाम से बेची जा रही नकली दवा

बता दें कि जिन कंपनियों के नाम से बाजार में नकली दवा बेची जा रही है, इन कंपनियों में प्योर एंड क्योर हेल्थकेयर, हिमालिया मेडिटेक, कैंडिला हेल्थ केयर, अल्फा प्रॉडक्ट, एबॉट हेल्थकेयर, विंग्स सहित नामी कंपनियों के नाम शामिल हैं। दवाओं के सैंपल फैल होने पर ड्रग विभाग के एसिस्टेंड कमिश्नर अतुल उपाध्याय ने बताया पिछले वित्तीय वर्ष में लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट के बाद कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि दवा लेते समय लोगों को भी जागरूक होना आवश्यक है। दवा खरीदते समय दवा विक्रेता से बिल मांगे, क्यूआर कोड को स्कैन करें तब जाकर दवा खरीदें।

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