लखनऊ: जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तत्कालीन राहत मिली है। हालांकि कोर्ट ने उनके सात साल की सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया है। कोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत दाखिल करने की अर्जी को मंजूरी देते हुए थोड़ी राहत जरूर दी है। हालांकि सात साल की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। इस वजह से उत्तर प्रदेश आमचुनाव में वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। बता दें कि कोर्ट ने क्रिमिनल अपील पर बहस पूरी होने के बाद 25 अप्रैल को फैसला रिज़र्व किया था।
आज धनंजय सिंह दूसरे जेल में हुए सिफ्ट
बता दें कि जौनपुर के पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को बरेली जेल में शिफ्ट किया जा रहा है. पहले उन्हें जौनपुर जेल में रखा गया था। हालांकि आज उन्हें एंबुलेंस के जरिए बरेली ले जाया गया है। इस मामले में प्रशासन की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि यह चर्चा काफी दिनों से हो रही थी कि उन्हें जल्द से जल्द हाई सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट किया जाएगा। ऐसे में आज शनिवार को उन्हें हाई सिक्योरिटी जेल बरेली में शिफ्ट किया गया है. वहीं जौनपुर से बरेली पहुंचने में 7से 8 घंटे का समय लगेगा।
पत्नी को मिला लोकसभा चुनाव के लिए टिकट
इलाहाबाद हाईकोर्ट में धनंजय सिंह ने अपने सजा पर रोक लगाने को लेकर याचिका दायर किया था। हालांकि कोर्ट आज फैसला सुनाते हुए कहा कि धनंजय सिंह को फौरी राहत दी जा रही है। लेकिन सात साल की सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया है। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान धनंजय के वकीलों ने कहा था कि उनका मुवक्किल सियासी साजिश का शिकार हुआ है. पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के जरिए 2 साल से अधिक की सजा पाने वाला व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है. धनंजय सिंह ने फिलहाल जौनपुर सीट पर अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को BSP से टिकट दिलाया है. धनंजय सिंह के वकील एसपी सिंह का कहना है कि सजा पर रोक के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.