लखनऊ। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है। बुलंदशहर के छोटे से गांव में किसान के घर जन्में पवन कुमार ने कर दिखाया। पवन कुमार ने सिविल सर्विस परीक्षा 2023 में 239वीं रैंक अपने नाम की। उनकी इस […]
लखनऊ। कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है। बुलंदशहर के छोटे से गांव में किसान के घर जन्में पवन कुमार ने कर दिखाया। पवन कुमार ने सिविल सर्विस परीक्षा 2023 में 239वीं रैंक अपने नाम की। उनकी इस सफलता के बाद परिवार के साथ साथ पूरे गांव जश्न में डूबा रहा। पवन ने अपना सपने पूरा करते हुए अपने मां-पापा का नाम रोशन किया है.
मुकेश कुमार के बेटे पवन कुमार ने जिले और गांव का नाम रोशन किया है। माता-पिता समेत पूरे परिवार का कहना है कि उन्हें पवन कुमार पर गर्व है. UPSC-2023 की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. इसमें पवन कुमार को 239वीं रैंक मिली। पिता मुकेश और मां सुमन मनरेगा मजदूर हैं। सबसे बड़ी बहन गोल्डी और दूसरी बहन सृष्टि B.A कर रही हैं. सबसे छोटी बहन सोनिया बारहवी की पढ़ाई कर रही है. पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की थी. इसके बाद इलाहाबाद से B.A की परीक्षा पास की. बाद में दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी. कुछ विषयों की कोचिंग ली और वेबसाइट की मदद ली. 2 साल तक कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने सेल्फ स्टडी की। पवन कुमार के परिवार का कहना है कि तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है. इस कामयाबी में उन्हें माता-पिता का भरपूर सहयोग मिला है.पिता मुकेश कुमार का कहना है कि उन्हें बेटे की कामयाबी पर बहुत खुशी हो रही है. वहीं मां सुमन खुशी से फूली नहीं समा रही हैं। वहीं घर पर पवन कुमार को बधाई देने वालों का तांता लगा है।
जब से पवन कुमार के घर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, तभी से वह चर्चा में है. घर पर आज भी तिरपाल और कच्चा मकान है। गांव का कच्चा मकान और एक छोरे पर मवेशी बंधे नजर आ रहे हैं. पवन के माता-पिता मनरेगा मजदूर हैं. गरीबी भी पवन कुमार का हौसला नहीं तोड़ पाई. उन्होंने संघर्ष किया और UPSC में सफलता हासिल की. यह सफलता इसलिए भी खास है.