लखनऊ। माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed Case) और उसके भाई अशरफ की हत्या को एक साल हो चुके हैं। वैसे तो पुलिस दोनों की मौत के पहले से ही गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों व बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की कार्यवाई करने में लगी हुई थी। लेकिन अभी भी बेनामी संपत्तियों का खुलासा किया जा रहा है। जिसमें ये बात सामने आई है कि दलितों के नाम जमीन खरीद कर प्लॉटिंग की जा रही थी।
जानकारी के अनुसार, प्रयागराज पुलिस द्वारा इन बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के दिल्ली स्थित एसटीएफ और इनकम टैक्स को पत्राचार किया गया है। बताया गया कि प्रयागराज पुलिस ने हुबलाल के नाम से 12 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी का पता लगाकर उसे गैंगस्टर एक्ट में कुर्क किया था। जिसके बाद ये मालूम हुआ कि गंगापार और यमुनापार में एक और दलित व्यक्ति के नाम से खेल हुआ है।
ईडी की एसटीएफ कर रही है जांच
इतना ही नहीं पुलिस ने श्यामजी सरोज के नाम से करोड़ों की संपत्ति का पता लगाया। इस जांच में ये खुलासा हुआ कि एक और श्यामजीत के नाम से बेनामी प्रॉपर्टी बनाई गई है। डीसीपी नगर दीपक भूकर ने जानकारी दी कि बेनामी संपत्तियों की जांच ईडी की एसटीएफ कर रही है। इसके तहत ईडी और इनकम टैक्स को रिपोर्ट भेजी गई है।
वहीं इससे पूर्व प्रवर्तन निदेशालय की प्रयागराज शाखा ने अतीक एंड कंपनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करके करोड़ों की प्रॉपर्टी को अटैच किया। यही नहीं अतीक के 11 बैंक खातों को भी सीज किया गया है। अतीक की हत्या से पहले अप्रैल 2023 में ईडी की टीम ने अतीक अहमद के आर्थिक मददगारों के 15 ठिकानों पर भी छापा मारा था।
छापेमारी मे मिले 100 करोड़ की प्रॉपर्टी के पेपर
ये छापमारी बिल्डर संजीव अग्रवाल, अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव, करेली में बिल्डर काली, मोहसिन, सीए सबीह अहमद, अतीक (Atiq Ahmed Case) के अधिवक्ता खान हनीफ सौलत, खालिद जफर, लूकरगंज में सीताराम शुक्ला, करेली में पूर्व विधायक आसिफ जाफरी और कौशाम्बी में वदूद अहमद के घर पर की गई थी।
इस छापेमारी के दौरान 100 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी के पेपर मिले थे। साथ ही विदेशी करेंसी, हीरे और सोने के गहने ईडी द्वारा बरामद किए थे। अगले चरण में बिल्डर अमित गोयल के कार्यालय और बिल्डर अतुल के यहां छापामारी करके कागजात भी बरामद किए गए थे। इन सभी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के लिए इस केस को प्रयागराज से ईडी की दिल्ली एसटीएफ को सौंप दिया गया।