लखनऊ। मिर्जापुर के विंध्याचल चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी पर श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का महागौरी के स्वरूप में दर्शन किया। मंगलवार की भोर में मंगला आरती के बाद देवी धाम में दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो गया। पहाड़ पर स्थित मां अष्टभुजी देवी और काली खोह स्थित महाकाली मंदिर में भोर से ही दर्शनार्थियों […]
लखनऊ। मिर्जापुर के विंध्याचल चैत्र नवरात्र की महाअष्टमी पर श्रद्धालुओं ने मां विंध्यवासिनी का महागौरी के स्वरूप में दर्शन किया। मंगलवार की भोर में मंगला आरती के बाद देवी धाम में दर्शन पूजन का क्रम शुरू हो गया। पहाड़ पर स्थित मां अष्टभुजी देवी और काली खोह स्थित महाकाली मंदिर में भोर से ही दर्शनार्थियों की लंबी कतारें लग गईं।
माता के जयघोष के नारे मंदिर परिसर में गूजे। चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर विंध्य धाम में आस्था का सैलाब देखते ही बना। मां विंध्यवासिनी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिर में मंगलवार की भोर से ही दर्शन पूजन करने वालों का तांता लगा रहा। भक्तों की कतारें अनवरत जारी रहीं। मंगला आरती के बाद मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन करने के बाद भक्तों ने परिक्रमा की। अष्टमी पर उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन एवं पंडा समाज की तरफ से पुख्ता इंतजाम किया गया है।
बता दें कि अष्टमी कन्या भोज या पूजन के लिए कन्याओं को एक दिन पहले आमंत्रित किया जाता है. गृह प्रवेश पर कन्याओं का स्वागत करते है. नव दुर्गा के सभी नौ नामों के जयकारे लगाया जाता है. इन कन्याओं को स्वच्छ जगह पर बिठाकर सभी के पैरों को थाली में रखकर अपने हाथों से धोया जाता है। फिर इसके बाद कन्या भोजन करा कर। विदाई की जाती है।