लखनऊ। बिजली चोरी करना दंडनीय अपराध है। बिजली चोरी करने वाला व्यक्ति जुर्माने के साथ जेल तक जा सकता है। हालांकि, लेसा यह जुर्म कुबूलने वालों को थोड़ी राहत दे रहा है। बिजली चोरी करने वाले अगर अपने इलाके के एक्सईएन, एसडीओ कार्यालय जाकर लिखित रूप से बिजली चोरी करने का जुर्म कुबूल कर लें तो उन्हें बहुत कम जुर्माना भरना पड़ेगा। ऐसा नहीं किया और पुलिस प्रवर्तन के छापे में बिजली चोरी पकड़ी गई तो एफआईआर के साथ 12 महीने का जुर्माना भरना पड़ेगा।
जुर्माने के बाद बदला गया मीटर
इंदिरानगर,गोमतीनगर, पुराने शहर सहित राजधानी के सभी इलाकों में मीटर में गड़बड़ी कर बिजली चोरी कर रहे उपभोक्ताओं की पहचान कर ली गई है। जुर्माना भरने के बाद इनका मीटर बदल दिया जाएगा। बिजली चोरी की यह पोल एक से चार किलोवाट वाले उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग एप व पांच किलोवाट या इससे अधिक लोड के उपभोक्ताओं की एमआरआई तकनीकी से बिलिंग कराने पर खुली है। इन उपभोक्ताओं को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जिससे इनके यहां छापा मारा जा सके।
कटिया मारने वालो का कम होगा जुर्माना
कटियाबाजों का जुर्माना नहीं कम किया जाएगा। यह राहत उन्हीं उपभोक्ताओें को मिलेगी, जिनके मीटर में रिमोट लगा है या जो मीटर को नो डिस्प्ले, रीडिंग स्टोर कर बिजली चोरी कर रहे हैं। जिनके मीटर में रिमोट लगा है, उनके घर-दुकान में यदि हर महीने 400 यूनिट बिजली जलती है तो मीटर में 200 यूनिट ही दर्ज होती है। नो डिस्प्ले वाले मीटर में बिजली तो खूब जलती है, पर यूनिट नहीं दिखाई देती। पूरा रिकॉर्ड चिप में दर्ज होता रहता है। कुछ लोग सेटिंग कर मीटर की रीडिंग स्टोर करवा देते हैं, जिसे बाद में जला दिया जाता है।
ऐसे तय किया जाएगा जुर्माना
जो बिजली चोरी का जुर्म कुबूलेंगे, उन्हें जुर्माने के रूप में जमा कराए 3 बिलों की रकम को सामान्य टैरिफ के बजाय दोगुने से भरना होगा। मान लीजिए, किसी के मीटर में रिमोट लगा रहा, जिससे वह हर महीने 200 यूनिट बिजली का बिल जमा करता रहा। अब वह जिस दिन जुर्म कुबूलेगा, उससे पहले के 3 महीने में 600 यूनिट का बिल जमा किया होगा, जो लगभग 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बना होगा। अब जुर्माने के रूप में इसी 600 यूनिट का बिल दोगुने रेट (13 रुपये प्रति यूनिट) की दर से चुकाना पड़ेगा। इसी फॉर्मूले के आधार पर नो डिस्पले और स्टोर रीडिंग का भी जुर्माना लगेगा। कई बार लोग किसी के बहकावे में आकर मीटर की सील तोड़कर उसे स्लो करवा लेते हैं। ऐसे उपभोक्ता खुद बिजली चोरी स्वीकार कर जुर्माना भर देंगे तो उनके जुर्म का विवरण गोपनीय रखा जाएगा।
वर्तमान में एक किलोवाट कनेक्शन पर जुर्माना
दुकान 1,00,000 रुपये
घरेलू 60,000 रुपये
नोट: घरेलू पर 4000 व दुकान पर 10,000 रुपये शमन शुल्क अतिरिक्त
राहत पहुंचाने के लिए लिखा पत्र
सरकार ने इस योजना का प्रावधान पहले से कर रखा है, लेकिन इसकी जानकारी के अभाव में लोग बेखबर हैं। एक्सईएन, एसडीओ को पत्र लिखकर बिजली चोरी कुबूल करने वालों को राहत पहुंचाने के लिए पत्र लिखा गया है।