लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी के मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सजा का ऐलान कल किया जायेगा। कोर्ट ने इस मामले में धनंजय सिंह के अलावा उनके सहयोगी संतोष विक्रम को भी दोषी करार दिया है। धनंजय के ऊपर अपहरण और रंगदारी मामले में मुक़दमा चल रहा था।
जानें पूरा मामला
मुजफ्फरनगर के रहने वाले अभिनव सिंघल ने 10 मई 2020 को थाना लाइनबाजार में अपहरण, रंगदारी समेत अन्य धाराओं में धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम पर मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि अभिनव सिंघल को गिरफ्तार कर पूर्व सांसद के आवास पर ले जाया गया और उनके साथ मारपीट की गई। साथ ही गंदी-गंदी गालियां देकर धमकाया गया।
कौन हैं धनंजय सिंह?
बता दें कि धनंजय सिंह जौनपुर से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। साल 2002 में 27 साल की उम्र में वो विधानसभा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। इसके बाद 2007 में जदयू के टिकट पर विधायक बने फिर बसपा में शामिल हो गए। 2009 लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट से जीत हासिल की।