Friday, November 15, 2024

दिल्ली कूच करेंगे किसान, बॉर्डर पर पुलिस की सख्ती

Kisan Andolan Latest News Today: फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एसएसपी सहित विभिन्न मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को सुरक्षा बलों द्वारा रोक दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। मगर आज किसानों का काफिला दिल्ली कूच करेगा।

दिल्ली कूच की तैयारी में किसान

सरकार संग बार-बार बातचीत विफल होने के बाद अब किसान दिल्ली कूच करने को तैयार हैं। MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसान आज यानी बुधवार से फिर दिल्ली कूच करने के लिए जोरों-शोरों से तैयार है वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी तैयारी में नजर आ रही है, क्योंकि सरकार संग बातचीत की डेडलाइन खत्म हो चुकी है। सरकार के साथ बातचीत विफल होने के बाद किसान संगठनों ने सोमवार को ही इसका ऐलान कर दिया था। फिलहाल, हजारों किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर डटे हैं और आज ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली की ओर रवाना होंगे। हालांकि, उन्हें रोकने के लिए प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी है। हरियाणा में ही नहीं, दिल्ली की सीमाएं भी छावनी में बदली हैं. दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन को लेकर चप्पे-चप्पे पर पहरेदारी कर रखी है। किसानों के आज बुधवार को दिल्ली मार्च के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसानों से शांति की अपील की है वहीं आज किसान और सरकार की 5वें दौरे की बातचीत होगी।

केंद्रीय मंत्रियों ने की थी बात

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने हरियाणा से लगे पंजाब के शंभू बॉर्डर पर मीडिया से चर्चा कर कहा, ‘हम सरकार से अपील करते हैं कि या तो हमारे मुद्दों का समाधान किया जाए या अवरोधक हटाकर हमें शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने की अनुमति दी जाए.’ किसानों के साथ वार्ता के बाद तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति ने दाल, मक्का और कपास सरकारी एजेंसियों द्वारा एमएसपी पर खरीदने के लिए पांच वर्षीय समझौते का प्रस्ताव दिया था. तीन केंद्रीय मंत्रियों – अर्जुन मुंडा पीयूष गोयल, और नित्यानंद राय की समिति ने रविवार को चंडीगढ़ में चौथे दौर की वार्ता के दौरान किसानों के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था।

सरकार के प्रस्ताव को किया था खारिज

इससे पहले 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सरकार के प्रस्ताव को सोमवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इसमें किसानों की MSP की मांग को ‘भटकाने और कमजोर करने’’ की कोशिश की गई है और वे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में अनुशंसित MSP के लिए ‘सी -2 प्लस 50 प्रतिशत फूर्मला से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे. इसके बाद शाम को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘‘हमारे 2 मंचों पर (केंद्र के प्रस्ताव पर) चर्चा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि केंद्र का प्रस्ताव किसानों के हित में नहीं है और हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे.’

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