Friday, September 20, 2024

ज्ञानवापी मामले को लेकर इलाहाबाद HC पहुंचा मुस्लिम पक्ष, अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई की मांग

लखनऊ। वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में स्थिति व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार दिया है। जिसके बाद बुधवार देर रात कमिश्नर ने बैरिकेडिंग हटाकर यहां पर पूजा कराई। इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन मायूसी हाथ लगी। SC ने मुस्लिम पक्ष को हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया।

जिला जज के फैसले को चुनौती

मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें जिला जज वाराणसी के फैसले को HC में चुनौती दी गई है। वकील सैयद फरमान अहमद नकवी ने अर्जी दाखिल करते हुए वाराणसी के जिला जज के आदेश को चुनौती दी। साथ ही अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई किए जाने का अनुरोध किया। इधर हिंदू पक्ष की ओर से भी कोर्ट में कैविएट दाखिल की जाएगी।

31 साल बाद आया ऐतिहासिक फैसला

बता दें कि 1 फरवरी को 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा-अर्चना शुरू हुई। तड़के ही लोग बड़ी संख्या में ज्ञानवापी के व्यास तहखाने में पूजा करने के लिए पहुंचे। बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट के जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए हिंदुओं को व्यासजी के तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया। पिछले 31 सालों यानी कि 1993 से तहखाने में पूजा-पाठ बंद था। इधर कुछ युवकों ने रात में ज्ञानवापी की तरफ जाने वाले मार्ग पर साइन बोर्ड को ज्ञानवापी मंदिर मार्ग लिख दिया है।

Latest news
Related news